दुख

सुनील कुमार शर्मा  (अंक: 236, सितम्बर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

“. . . मैंने आप से पहले भी कहा था कि, आपका बच्चा पढ़ाई में बहुत कमज़ोर है, उसे कुछ आता-जाता नहीं है; पर आपने मेरी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया . . .। ज़ब वह फ़ेल हो गया है तो बड़ा दुख हो रहा है?” शिक्षक ज़रा गर्म होकर बोले। 

“मुझे इस बात का ज़रा भी दुख नहीं है कि मेरा बच्चा फ़ेल हो गया; क्योंकि जो पढ़ेगा नहीं वो फ़ेल तो होगा ही; पर मुझे दुख तो यह है कि इसके साथ पढ़ने वाला हमारे पड़ोसी का लड़का कैसे पास हो गया? उसे भी तो कुछ आता-जाता नहीं है,” उस बच्चे कि माँ आगे से चिढ़कर बोली। 

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