किस जन्म के पापों की मुझको मिल रही है यह सज़ा 

01-11-2023

किस जन्म के पापों की मुझको मिल रही है यह सज़ा 

सुनील कुमार शर्मा  (अंक: 240, नवम्बर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

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किस जन्म के पापों की मुझको मिल रही है यह सज़ा
मेरे जो अरमानों के क़ातिल ले रहे हैं यह मज़ा। 
 
इस दुनिया मेंं जी चाहे तू कितनी छलाँगे मार ले 
पर उस तरफ़ कोई न पूछेगा तेरी क्या है रज़ा। 
 
सच भी कभी हो जाया करता झूठ मेरे दोस्तो
मैंने तो सच बोला है फिर इसमें मेरी क्या है ख़ता।
 
यारो पता है मैं तो अपने आप में ही खोया हूँ 
मेरे जो अपने दुश्मनों से लेते है मेरा पता। 
 
हर बार ग़ैरों पर ही शक करता है हर इक आदमी 
पर तब पता चलता है जब अपने दे जाते है दग़ा। 

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