बहू का बाप 

15-07-2022

बहू का बाप 

सुनील कुमार शर्मा  (अंक: 209, जुलाई द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

“ताई! तू तो कह कह रही थी, मैं कभी भी गाँव छोड़कर अपनी बहू के पास नहीं जाऊँगी . . . अब पूरे बीस दिन उसके पास कैसे गुज़ार आई?”पड़ोसी ने पूछा। 

“मैं एक दिन भी उसके पास रहकर राज़ी नहीं थी; पर उसके मुस्टन्डे बाप को तो भगाना था, जो पिछले चार महीने से मेरे बेटे के घर में डेरा जमाये बैठा था,” ताई ने बहादुरी दिखाते हुए उत्तर दिया। 

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