वंदनीय शिक्षक
डॉ. सुकृति घोषवंदनीय दिनकर सा शिक्षक, स्वयं प्रकाशित ज्ञान से उज्जवल
शिष्यों को कुशल बनाने वाला, प्रज्ञा से जगमग करने वाला
विश्वासी केवट सा शिक्षक, कार्यकुशल और मार्ग प्रदर्शक
धीरज को अंतस धरने वाला, नैया को पार लगाने वाला
दीपक की बाती सा शिक्षक, स्वार्थहीन आलोक का दायक
मेधा की ज्योति जलाने वाला, अज्ञान के तम को हरने वाला
कुसुमाकर माली सा शिक्षक, उत्तम गुण संस्कार का रक्षक
स्नेह का सिंचन करने वाला, प्रतिभा की पौध लगाने वाला
निपुण शिल्पकार सा शिक्षक, उच्च चरित्र, गुणों का सर्जक
अनगढ़ बचपन को गढ़ने वाला, सुगठित मनुज बनाने वाला
पूज्य देवता रूप सा शिक्षक, सतत् परिश्रम का संरक्षक
ध्यान चित्त में धरने वाला, आशीष की बारिश करने वाला
0 टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
- सांस्कृतिक आलेख
-
- अष्ट स्वरूपा लक्ष्मी: एक ज्योतिषीय विवेचना
- अस्त ग्रहों की आध्यात्मिक विवेचना
- आत्मिक जुड़ाव
- आयु भाव के विभिन्न आयाम
- एकादशी व्रत का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण
- कर्म का सिद्धांत और ज्योतिष
- केमद्रुम योग
- गजकेसरी: एक अनूठा योग
- चंद्रमा और आपका भावनात्मक जुड़ाव
- पंच महापुरुष योग
- बारहवाँ भाव: मोक्ष या भोग
- राहु और केतु की रस्साकशी
- राहु की महादशा: वरदान या अभिशाप
- लक्ष्मीनारायण योग
- वक्री ग्रहों की आध्यात्मिक विवेचना
- विवाह पर ग्रहों का प्रभाव
- व्यक्तित्व विकास की दिशा का निर्धारण
- शनिदेव की दृष्टियों के भेद
- सूर्य-चंद्र युति: एक विश्लेषण
- कविता
-
- अवकाश का अहसास
- आनंद की अनुभूति
- आस का इंद्रधनुष
- आख़िर बीत गई दिवाली
- उस सावन सी बात नहीं है
- एक अलौकिक प्रेम कहानी
- कान्हा तुझको आना होगा
- क्या अब भी?
- खो जाना है
- गगरी का अंतस
- जगमग
- दीपावली की धूम
- दीपोत्सव
- नम सा मन
- नश्वरता
- नेह कभी मत बिसराना
- पंछी अब तुम कब लौटोगे?
- पथ की उलझन
- प्रियतम
- फाग की तरंग
- फिर क्यों?
- मन
- मृगतृष्णा
- मेरा वो सतरंगी फागुन
- राम मेरे अब आने को हैं
- राही
- लम्हें
- वंदनीय शिक्षक
- शब्द शब्द गीत है
- शिक्षक
- श्याम जलद तुम कब आओगे?
- संवेदनाएँ
- साँझ
- सुनो सुनाऊँ एक कहानी
- होलिका दहन
- ज़िंदगी
- कहानी
- विडियो
-
- ऑडियो
-