होलिका दहन

15-03-2022

होलिका दहन

डॉ. सुकृति घोष (अंक: 201, मार्च द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

भक्ति रूप प्रह्लाद दर्प रूप होलिका, 
सत्य रूप प्रह्लाद कपट रूप होलिका
प्रेम रूप प्रह्लाद द्वेष रूप होलिका, 
शान्ति रूप प्रह्लाद द्वंद्व रूप होलिका
 
देव रूप प्रह्लाद दानवी है होलिका, 
आस्था है प्रह्लाद दुःख रूप होलिका
अग्निरूप ईश है अवगुण है होलिका, 
ईशप्रेम कवच है वंचित है होलिका
 
सुख स्वरूप प्रह्लाद अनाचार होलिका, 
सृजनशील प्रह्लाद ध्वंसरूप होलिका
दंभ है दावानल जलती है होलिका, 
अहंअग्नि ताप में भस्मीकृत होलिका
 
प्रज्ञा अनल है अज्ञानी होलिका, 
आत्मज्ञान आग है दहनशील होलिका
प्राण रूप प्रह्लाद देह रूप होलिका, 
शाश्वत है प्रह्लाद नश्वर है होलिका

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

सांस्कृतिक आलेख
कविता
कहानी
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में