कान्हा तुझको आना होगा
डॉ. सुकृति घोष
तमस घनेरा जग में पसरा, कान्हा तुझको आना होगा
कृष्णाओं ने आज पुकारा, कान्हा तुझको आना होगा
तार तार है देह की गरिमा, कान्हा तुझको आना होगा
खोई खोई मन की महिमा, कान्हा तुझको आना होगा
क्षत विक्षत सी आत्माएँ हैं, कान्हा तुझको आना होगा
घायल विह्वल चेतनाएँ हैं, कान्हा तुझको आना होगा
तप्त नैन में रक्त सलिल है, कान्हा तुझको आना होगा
खंड खंड सा दग्ध हृदय है, कान्हा तुझको आना होगा
आशाओं के द्वार अगोचर, कान्हा तुझको आना होगा
वेदनाओं के दृश्य उजागर, कान्हा तुझको आना होगा
वसुधा ने आवाज़ लगाई, कान्हा तुझको आना होगा
मानवता की आज लड़ाई, कान्हा तुझको आना होगा
0 टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
- सांस्कृतिक आलेख
-
- अष्ट स्वरूपा लक्ष्मी: एक ज्योतिषीय विवेचना
- अस्त ग्रहों की आध्यात्मिक विवेचना
- आत्मिक जुड़ाव
- आयु भाव के विभिन्न आयाम
- एकादशी व्रत का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण
- कर्म का सिद्धांत और ज्योतिष
- गजकेसरी: एक अनूठा योग
- चंद्रमा और आपका भावनात्मक जुड़ाव
- पंच महापुरुष योग
- बारहवाँ भाव: मोक्ष या भोग
- राहु और केतु की रस्साकशी
- राहु की महादशा: वरदान या अभिशाप
- लक्ष्मीनारायण योग
- वक्री ग्रहों की आध्यात्मिक विवेचना
- विवाह पर ग्रहों का प्रभाव
- व्यक्तित्व विकास की दिशा का निर्धारण
- शनिदेव की दृष्टियों के भेद
- सूर्य-चंद्र युति: एक विश्लेषण
- कहानी
- कविता
-
- अवकाश का अहसास
- आनंद की अनुभूति
- आस का इंद्रधनुष
- आख़िर बीत गई दिवाली
- उस सावन सी बात नहीं है
- एक अलौकिक प्रेम कहानी
- कान्हा तुझको आना होगा
- क्या अब भी?
- खो जाना है
- गगरी का अंतस
- जगमग
- दीपावली की धूम
- दीपोत्सव
- नम सा मन
- नश्वरता
- नेह कभी मत बिसराना
- पंछी अब तुम कब लौटोगे?
- पथ की उलझन
- प्रियतम
- फाग की तरंग
- फिर क्यों?
- मन
- मृगतृष्णा
- राम मेरे अब आने को हैं
- राही
- लम्हें
- वंदनीय शिक्षक
- शब्द शब्द गीत है
- शिक्षक
- श्याम जलद तुम कब आओगे?
- संवेदनाएँ
- साँझ
- सुनो सुनाऊँ एक कहानी
- होलिका दहन
- ज़िंदगी
- विडियो
-
- ऑडियो
-