पल भर की तुम

01-04-2022

पल भर की तुम

राहुलदेव गौतम (अंक: 202, अप्रैल प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

आज बच्चों ने, 
मेरा ६०वाँ जन्मदिन दिन मनाया
ख़ुश था सारा दिन! 
रात ढलते बच्चे अपने-अपने
कमरे में दाख़िल हो गये थे! 
मैं भी अपने कमरे में आकर
अपना जूता खोलने लगा . . . 
अचानक! 
मेरे ख़्याल में तुम
२९ साल पहले
हमारी शादी की ७वीं रात को
मेरे मना करने पर भी तुमने
मेरे जूते खोलने के लिए
पहली बार मेरे क़दमों के नीचे देखा था
और तुम्हारे आत्मसम्मान के लिए
मैंने तुम्हें बाँहों में भर कर तेरे सिरे को
अपने हृदय तक उठाया था, 
तुम्हारे आँखों में निर्मल प्रेम देखा था
मेरे आँखों में अपना सम्मान देख कर
मेरा प्रेम लेकर . . . 
तुम कितनी विह्वल थी! 
स्मृत हो आये, 
पता नहीं क्यों मेरी आँखें भर आईं!!!! 

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