हम जान नहीं पाते

01-01-2025

हम जान नहीं पाते

राहुलदेव गौतम (अंक: 268, जनवरी प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

कल क्या है आज हम जान नहीं पाते
शर्त पर क्या हारे हैं हम मान नहीं पाते। 
 
समय की रफ़्तार क्या है उम्र से मालूम है
समय की चाल क्या है हम जान नहीं पाते। 
 
सफ़र कहाँ है कहाँ तक है चलते चले जायेंगे
पर कहाँ से चलकर रुकना है जान नहीं पाते। 
 
ज़रूरत से ज़्यादा जो मददगार हो डर लगता है
उनकी ज़रूरत क्या होगी हम जान नहीं पाते। 
 
अपने पे इतना भरोसा तो रख सिर्फ़ कल तक
इस उदासी में आज क्या है हम जान नहीं पाते। 
 
जब ख़ुद का पेट भरने लगे हर दिन यह जानकर
तब किसी और के भूख को हम जान नहीं पाते। 

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