जा रहा हूँ अपने मन को मारकर यह याद रखना 

01-04-2023

जा रहा हूँ अपने मन को मारकर यह याद रखना 

सुनील कुमार शर्मा  (अंक: 226, अप्रैल प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

2122     2122     2122      2122
 
जा रहा हूँ अपने मन को मारकर यह याद रखना 
फिर कभी आऊँ तो मेरे दर्द का इलाज रखना
 
तुमने कितनी बंदिशों में जो गुज़ारा ज़िन्दगी को 
अपने दिल के उस परिंदे को तो तुम आज़ाद रखना
 
ज़िन्दगी के सफ़र में जब हाल पूछे कोई दिल का 
माजी की कुछ याद जो आए तो मेरी बात रखना
 
साथ हालातों के समझौता तो अक़्सर होता ही है 
फिर कभी मौक़ा मिले तो अपने वो जज़्बात रखना
 
मंज़िलों के पीछे कितने कारवां गुम हो गए पर 
क़ाफ़िले रुकते नहीं बस जज़्बे को आबाद रखना

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