मेरा सिद्धांत जीवन है

15-05-2024

मेरा सिद्धांत जीवन है

संजय कवि ’श्री श्री’ (अंक: 253, मई द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

तुम ये न समझो कि मुझे पा लेने की बेचैनी है या खो देने का डर है; 
मेरा सिद्धांत जीवन है, जीवन के नियम हैं और जीवन का सफ़र है। 
मेरे जीवन, उसके नियम और उसकी गति में भले बाधाएँ डाल लो; 
मेरे मौन को ऐसे समझ लो मानो भयभीत हूँ मैं, ये भ्रम भी पाल लो। 
किन्तु जब भी मेरे अटल संघर्ष और मेरी दृढ़ता को स्मरण करोगे; 
तो भविष्य के आकलन में, यदि कर सकोगे, तो दुर्भाग्य से डरोगे। 
तुम ये न समझो कि मुझे पा लेने की बेचैनी है या खो देने का डर है; 
मेरा सिद्धांत जीवन है, जीवन के नियम हैं और जीवन का सफ़र है। 

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