उस दिनकर का

15-09-2025

उस दिनकर का

डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरी (अंक: 284, सितम्बर द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

दिनकर से हम मिले नहीं हैं 
दूर भी उतना चले नहीं हैं 
लेकिन लगता है कुछ ऐसा
घर में कुछ है दिनकर जैसा 
 
जहाँ पे रश्मिरथी रखी है 
जिधर से कुछ हुंकार उठी है
हारे को हरि नाम जहाँ है
जहाँ उतर उर्वशी चली है
 
वहीं लगा फिर खड़े हैं दिनकर
उसी ओज से भरे हैं दिनकर
अब भी वो ललकार रहे हैं
कहाँ किसी से हार रहे हैं
 
उस दिनकर का मनन करें हम
उनको शत शत नमन करें हम

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