किताब देना 

15-11-2022

किताब देना 

डॉ. जियाउर रहमान जाफरी (अंक: 217, नवम्बर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

मुख़ालफ़त का जवाब देना 
सही नहीं है हिसाब देना 
 
नहीं है तुमसे कोई भी रिश्ता 
चलो हमारी किताब देना 
 
तुम्हारी नीयत मैं जनता हूँ 
कभी न मुझको गुलाब देना 
 
वही तुम्हारी भी असलियत है 
गुनाह करना शराब देना 
 
अभी से उड़ने पे ऐसी बंदिश 
अभी से माँ का नक़ाब देना 
 
न शायरी में ये कर सका मैं 
ग़ज़ल सुनाकर अज़ाब देना

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