देखा चाँद

15-07-2022

देखा चाँद

डॉ. जियाउर रहमान जाफरी (अंक: 209, जुलाई द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

हमने जब भी देखा चाँद 
कहाँ था बिल्कुल तुम-सा चाँद 
 
नहीं कभी वो घर तक आता 
लगता लेकिन मामा चाँद 
 
कभी अगर तुम छत आये 
निकला फिर से पूरा चाँद 
 
कैसे आख़िर रह पाता है 
आसमान में तन्हा चाँद 
 
सूरज चाहे गर्म हो लेकिन 
रहता बिल्कुल ठंडा चाँद 
 
रौशनी देता है धरती तक 
नहीं है तारों जैसा चाँद 
 
उसमें दाग़ नहीं तुम देखो 
देखो कैसे चमका चाँद 
 
काली घटाओं की बाँहों में 
लगता बिल्कुल उजला चाँद 
 
बिजली, आँधी, बारिश, धूप
है इन सबका का दुलहा चाँद

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