अगर हम बिजली ज़रा बचाते
डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरीकट गई बिजली अगर ज़रा सी
पड़ी हुई हर चीज़ है बासी
नहीं है नल में ज़रा भी पानी
बढ़ गई मम्मी की परेशानी
बर्तन यूँ सब रखे हुए हैं
कपड़े भी सब पड़े हुए हैं
बनेगा आख़िर कैसे खाना
फिर हमको स्कूल भी जाना
बिन बिजली अँधियारा घर है
गिर ना जायें मुझको डर है
होगा सब कुछ जैसे - तैसे
चार्ज मोबाइल करेंगे कैसे
हीटर, कूलर, पंखा, मिक्सर
बिन बिजली के पड़ा है गीज़र
अगर हम बिजली ज़रा बचाते
बल्व जलाकर छोड़ न आते
आज न इतनी मुश्किल होती
बिजली आकर शामिल होती
1 टिप्पणियाँ
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Nice message for the generation