फ़ख़्रे हिंदुस्तान दीदी 

15-02-2022

फ़ख़्रे हिंदुस्तान दीदी 

डॉ. जियाउर रहमान जाफरी (अंक: 199, फरवरी द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

गीत तुम 
संगीत तुम 
सबकी दीदी 
प्रीति तुम 
 
साज़ और आवाज़ तुम हो 
एक नई परवाज़ तुम हो 
जादुई है कंठ तेरा 
गीत का आग़ाज़ तुम हो 
 
देश की हो शान दीदी 
फ़ख़्रे हिंदुस्तान दीदी 
सबके दिल को तोड़ कर के 
ले गई तुम जान दीदी 

सारी आँखें रो रही हैं 
हो के बेसुध सो रही हैं 
अब कहाँ आवाज़ है वो 
आज तक ये जो रही हैं 
 
इतनी ऊँची तेरी हस्ती 
पर ज़रा भी शान न थी 
सादगी थी ज़िन्दगी में 
तुम कभी हैरान न थी 
 
तुम ज़मीं पे जो थी प्यारी 
आसमां ये जल गया था 
तुमको अपने साथ दीदी 
वो उठा कर चल गया था!

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