पढ़ना ही है
डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरीअगर न स्कूल हम जाएँगे
बोलो कैसे पढ़ पाएँगे
टीचर मुझको वहाँ बताते
दो से कैसे दो घट जाते
मैडम जब भी वर्ग में आएँ
ए से एप्पल हमें बताएँ
ज्ञान हमें सर कितना देते
क, ख, ग, घ हम पढ़ लेते
योग के टीचर जब आते हैं
कसरत हमसे करवाते हैं
दोस्त यहाँ हैं कितने सारे
अलग -अलग पर प्यारे प्यारे
होता है एग्ज़ाम यहाँ पर
पढ़ना ही है काम यहाँ पर
सारे बच्चे अगर पढ़ेंगे
अनपढ़ कोई नहीं रहेंगे