सपने और खिलौने

15-06-2021

सपने और खिलौने

राजीव कुमार (अंक: 183, जून द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

राजू सात साल का लड़का दिन भर पिता के साथ चाय दुकान में काम करता और रात को घोड़े बेच कर सोता। उसके सपने में नई बन रही फ़ैक्ट्री आती तो वो ख़ुश हो जाता। उसी के उम्र के लड़के कचड़ा बीनते, जूता पॉलिश करते नज़र आते तो वो ख़ुश हो जाता कि मैं भी काम करने वालों में से हूँ।

एक दिन अचानक से उसके सपने में झूला, बैटरी वाली कार और बैट-बॉल खेलते उसी उम्र के लड़के नज़र आए तो उसकी नींद खुल गई यह सोचकर कि ये सब अनजानी सी चीज़ क्या है? दिखने में तो बहुत सुन्दर लग रहे हैं, लेकिन ये सब चीज़ें मेरे बचपन को छीनना क्यों चाहते हैं? अब हक़ीक़त वाले सपने क्यों ओझल हो गए? वो फिर सोने की कोशिश करने लगा, अन्ततः उसको नींद आ गई। 
 

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