खेल खिलौने 

01-12-2019

खेल खिलौने 

डॉ. जियाउर रहमान जाफरी (अंक: 145, दिसंबर प्रथम, 2019 में प्रकाशित)

मम्मी ये सब खेल खिलौने 
अब लगते हैं बिल्कुल बौने

 
मिट्टी की ये गुड़िया सारी 
ठोकर लगते गई बेचारी 


कांच की गाड़ी कांच के घोड़े 
ये टिकते हैं कुछ भी थोड़े 


मेंढक झूला मैना तोता 
कहाँ खिलौना अपना होता 


माँ ये सारी चीज़ हटा दो 
मुझको इक कंप्यूटर ला दो 

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