दी चाँद को 

15-07-2020

दी चाँद को 

डॉ. जियाउर रहमान जाफरी (अंक: 160, जुलाई द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)

चंदा  ने   जब शादी   रचाई 
दुल्हन बनकर चाँदनी आई 


हुए  बराती  तारे         सारे 
आसमान     में प्यारे -प्यारे 


बादल ने  क्या   ढोल बजाया 
लिए रौशनी  सूरज      आया 


बारातों     में    पहले  आकर 
चमकी बिजली ख़ुशी मनाकर 


गीत  सभी कोयल   ने   गाये 
मोर  ने अपने  नाच   दिखाये 


बारिश बर्फ़ में  ढलकर पहुँची 
कपड़े नये बदलकर     पहुँची


दी   चाँद   को   सबने बधाई 
चांदनी जैसी   भाभी      आई 

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