संघर्ष एक तारे का
नीरजा हेमेन्द्ररात उतर आयी है सिरहाने
धीरे . . . धीरे . . . धीरे . . .
दूर-दूर तक फैले सन्नाटे के बीच
कोहरे भरे सर्द आसमान में
टिमटिमाता भोर का छोटा तारा
अन्धकार के विशाल साम्राज्य को
पराजित करता हुआ
पथप्रदर्शक बन जाता है सूर्य का
प्रातः का सृजन करता हुआ
निकल आता है अन्धकार से बाहर
भोर की लालिमा बिखर गयी है सृष्टि पर
अन्धकार को विलुप्त होना ही था।
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