मौसम के रंग
नीरजा हेमेन्द्रजब कभी उदास होता है मौसम
खुली हवाएँ बनाने लगती हैं दूरी
उदास हो उठते हैं वृक्षों के पीले पत्ते
ढलते दिन की लम्बी परछाँइयों,
और ठहरे से आकाश में चुपचाप
निकल आता है नीला चाँद
इस बेरंग मौसम में
वृक्षों के नीचे पीले पत्तों कर कालीन पर
फुदकती है एक चिड़िया
चाँद के सर्द होने . . . पत्तों के टूटने पूर्व
मैं उतार लेती हूँ चाँद को जल भरे कटोरे में
सूखे पत्तों के संगीत में
जीवंत होने लगता है सर्द चाँद।