विशेषांक: दलित साहित्य

10 Sep, 2020

कहते हो –
बदल रहा है गाँव।
तो बतलाओ तो –
गाँवों में बदला कितना वर्ण-दबंग?
कौन सुख-अघाया, कौन सामंत?
कौन बलवाई, कौन बलवंत?
 
सेहत पाया
पा हरियाया
कौन हाशिया? 
कौन हलंत?

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

इस विशेषांक में
कहानी
कविता
गीत-नवगीत
साहित्यिक आलेख
शोध निबन्ध
आत्मकथा
उपन्यास
लघुकथा
सामाजिक आलेख
बात-चीत
ऑडिओ
विडिओ