पथरीली चट्टान पर हथौड़े की चोट चिंगारी को जन्म देती है जो जब तब आग बन जाती है आग में तप कर लोहा नर्म पड़ जाता है ढल जाता है मन चाहे आकार में हथौड़े की चोट से एक तुम हो जिस पर किसी चोट का असर नहीं होता।