मैं गह्वर में उतरना चाहता हूँ
ब्राह्मणवाद की गहराई नापने
पाना चाहता हूँ उसकी विष-नाभि का पता
और तोड़ना चाहता हूँ
उसकी घृणा के आँत के मनु-दाँत
तुम साथ हो तो सुझाओ मुझे
लक्ष्य संधान के सर्वोत्तम उपाय
बताओ क्या क्या हो
प्रत्याक्रमण में सुरक्षा के सरंजाम
लखाओ मुझे वह दृष्टि कि
गुप्त-सुप्त ब्रह्म-बिछुओं की शिनाख़्त कर सकूँ
मेरा हाथ पूरते कोई मुझे अनंत डोर दो
जिसके नाप सकूँ नाथ सकूँ
इस शैतान की अंतहीन आँत को
बाँधो मेरी अंटी में अक्षय रेडीमेड ड्यूरेबल खाना दाना
दो ऐसी तेज़ शफ़्फ़ाफ़ रोशनी वाली टॉर्च मुझे
तहक़ीक़ात काल के अंत तलक निभा सके जो
मेरे अनथक अनंत हौसले का अविकल साथ!