डॉ. मुसाफ़िर बैठा
जन्म तिथि: 05 जून, 1968
पारिवारिक पृष्ठभूमि:
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बिहार के एक गाँव में एक कबीरपंथी दलित भूमिहीन परिवार में जन्म।
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अक्षरवंचित माता पिता के जीविकोपार्जन का एकमात्र पुश्तैनी ज़रिया कपड़ा धुलाई रहा।
व्यवसाय: बिहार सरकार के एक स्वायत्तशासी निकाय की नौकरी
पढ़ाई लिखाई:
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पटना विश्वविद्यालय से हिन्दी दलित आत्मकथा विषय में पी-एच. डी. (हिन्दी साहित्य)
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हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य एवं लोकप्रशासन में स्नातकोत्तर
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अनुवाद (हिंदी-अंग्रेजी) में स्नातकोत्तर डिप्लोमा
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पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा
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सिविल इंजीनियरी में त्रिवर्षीय डिप्लोमा
रचनाकर्म -
प्रकाशन:
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दो कविता संग्रह ('बीमार मानस का गेह' सन 2011 में एवं 'विभीषण का दुःख' सन 2017 में प्रकाशित)
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'बिहार-झारखण्ड की चुनिंदा दलित कवितायें' शीर्षक से एक संपादित (डॉ. कर्मानन्द आर्य के साथ) सामूहिक काव्य पुस्तक का सन 2018 में प्रकाशन
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सन 2017 में प्रभात ख़बर के एक साप्ताहिक साहित्यिक पेज का अतिथि संपादन
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कविता, कहानी, लघुकथा, आलेख, निबंध, समीक्षा, संस्मरण, अनुवाद, रपट, सामयिक टिप्पणियां दलित पत्र-पत्रिकाओं सहित हंस, कथादेश, आलोचना, इण्डिया टुडे साहित्य वार्षिकी, कादंबिनी, वर्तमान साहित्य, समकालीन जनमत, पाखी, वागर्थ, आजकल, हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, प्रभात ख़बर आदि में प्रकाशित
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‘आद्री’ एवं ‘दीपायतन’ जैसी स्वायत्त & स्वयंसेवी संस्थाओं की कार्यशालाओं में सहभागिता, शैक्षिक & शिक्षेतर लघु पुस्तकों का लेखन
सम्मान & पुरस्कार:
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बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् का नवोदित साहित्यकार पुरस्कार
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कादंबिनी एवं प्रतियोगिता दर्पण द्वारा आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिताओं में कतिपय आलेखों & निबंधों को प्रथम व उल्लेखनीय स्थान प्राप्त