वेदमाता भवानी

15-02-2025

वेदमाता भवानी

कुमकुम कुमारी 'काव्याकृति' (अंक: 271, फरवरी द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

(भुजंगप्रयात छंद आधारित) 
 
करूँगी सदा वंदना मैं तुम्हारी, 
भवानी सुनो प्रार्थना है हमारी। 
बना दो विवेकी हरो अँधियारा, 
पुत्री हूँ तुम्हारी बनो माँ सहारा। 
 
मिटा दो भवानी अज्ञता हमारी, 
करूँगी सदा वंदना मैं तुम्हारी॥
 
पता है तुम्हें मैं बड़ी हूँ अज्ञानी, 
तुम्हीं वेदमाता तुम्हीं हो भवानी। 
सुनो माँ भवानी पुत्री हूँ तुम्हारी, 
करो माँ कृपा याचना है हमारी। 
 
चली आ सुनो अर्चना ये हमारी, 
करूँगी सदा वंदना मैं तुम्हारी॥
 
सुझा दो भवानी नया छंद कोई, 
मनोहारिता रूप मैं देख खोई। 
रचूँ गीत कोई इच्छा है हमारी, 
बुलाती तुम्हें लाड़ली ये तुम्हारी। 
 
लगा दो किनारे तरी माँ हमारी, 
करूँगी सदा वंदना मैं तुम्हारी। 

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