आसमान पर छाओगे

15-09-2024

आसमान पर छाओगे

कुमकुम कुमारी 'काव्याकृति' (अंक: 261, सितम्बर द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

सत्य पथ पर तुम चलकर देखो, 
अद्भुत सुख को पाओगे। 
ना ही कभी तुम विचलित होगे, 
ना ही तुम पछताओगे॥
 
जलने वाले जलते रहेंगे, 
आगे तुम बढ़ जाओगे। 
जल-जल कर वो सियाह बनेंगे, 
तुम शुचिता को पाओगे॥
 
कर लो तुम शुद्ध अंतःकरण को, 
अभयदान को पाओगे। 
चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, 
कभी नहीं घबराओगे॥
 
करोगे जो तुम मन को वश में, 
परम् तत्त्व को पाओगे। 
लेकर हाथ तुम विजय पताका, 
आसमान पर छाओगे॥

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
ललित निबन्ध
दोहे
गीत-नवगीत
सामाजिक आलेख
किशोर साहित्य कहानी
बच्चों के मुख से
चिन्तन
आप-बीती
सांस्कृतिक आलेख
किशोर साहित्य कविता
चम्पू-काव्य
साहित्यिक आलेख
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में