होली

कुमकुम कुमारी 'काव्याकृति' (अंक: 201, मार्च द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

आया होली का त्योहार, 
छाया सबपे ख़ुमार। 
लेकर रंग गुलाल, 
देखो आए नंदलाल॥
 
संग लेकर ग्वाल-बाल, 
पहुँचे राधा के द्वार। 
करने मस्ती अपार, 
सुंदर है यह त्योहार॥
 
लेकर हरी गुलाबी रंग, 
राधा आई गोपियों संग। 
करने रंगों की बौछार, 
आज कान्हा आए द्वार॥
 
बजने लगे ढोल-नागाड़, 
उसपे थिरके नर-नार। 
भाईचारे का मिसाल, 
बना होली का त्योहार॥
 
उड़े रंगों की फुहार, 
चले वसंती बयार। 
मिटा के समस्त विकार, 
करें प्रेम का व्यापार॥

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