अमरों में नाम लिखा लेना

15-06-2024

अमरों में नाम लिखा लेना

कुमकुम कुमारी 'काव्याकृति' (अंक: 255, जून द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

चलते-चलते गर पग दुख जाय
बैठ थोड़ा सुस्ता लेना। 
मगर धैर्य खोकर कभी तुम 
पग को पीछे ना हटा लेना। 
बढ़ जाय जो कभी असमंजस 
तो प्रभु का ध्यान लगा लेना। 
पाओगे तब अद्भुत ज्ञान तुम 
पग को आगे बढ़ा लेना॥
 
रखना सदा विश्वास तुम उनपे 
जग को जिसने रचाया है। 
कैसे तुमको वो गिरने देंगे 
जिसने तुम्हें बनाया है। 
चलते चलो उस मग पे सदा तुम
प्रभु ने जिसे दिखाया है। 
चूमेगी ख़ुशियाँ पग तेरे 
फूलों ने राह सजाया है॥
 
बैठो ज़रा तुम पास हमारे
बहुत कुछ तुम्हें बताना है। 
सीखा है जो बुज़ुर्गों से हमने
तुमको भी सिखाना है। 
खड़े हो जिस राह पर तुम वो
पूर्व का मेरा ठिकाना है। 
करना ना कभी बर्बाद समय को
बस यही समझाना है॥
 
अब ये क़दम कहीं रुक नहीं पाए 
विश्वास को जगा लेना। 
बाँह पसारे खड़ी है मंज़िल 
गले से उसे लगा लेना। 
जीवन बेशक़ीमती है प्यारे 
सार्थक इसे बना लेना। 
मरने वाली दुनिया में तुम 
अमरों में नाम लिखा लेना॥

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
ललित निबन्ध
दोहे
गीत-नवगीत
सामाजिक आलेख
किशोर साहित्य कहानी
बच्चों के मुख से
चिन्तन
आप-बीती
सांस्कृतिक आलेख
किशोर साहित्य कविता
चम्पू-काव्य
साहित्यिक आलेख
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में