वस्ल में उनकी तबीयत फ़ाम कर लें

01-07-2023

वस्ल में उनकी तबीयत फ़ाम कर लें

कु. सुरेश सांगवान 'सरू’ (अंक: 232, जुलाई प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

2122       2122      2122 
 
वस्ल में उनकी तबीयत फ़ाम कर लें
नाम अपने प्यार का इक जाम कर लें
 
थक चुके हैं ज़िंदगी के इस सफ़र  से
तुम कहो तो अब ज़रा आराम कर लें 
 
सोचते हैं आजकल हसरत का अपनी 
दायरा छोटा बड़ा आयाम कर लें 
 
जीते जी तो ये कभी हो ना सकेगा 
दूर अपने से ग़म-ओ-आलाम कर लें 
 
जो पुराने हैं वही निभ जाएँ अब तो 
जाते-जाते क्या नया हम काम कर लें 
 
बस तमन्ना अब यही है जिंदगी की 
हम इसे कुछ देर अपने नाम कर लें

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

ग़ज़ल
नज़्म
कविता
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में