दुनिया से जुदा प्यार का क़िस्सा है हमारा 

01-08-2022

दुनिया से जुदा प्यार का क़िस्सा है हमारा 

कु. सुरेश सांगवान 'सरू’ (अंक: 210, अगस्त प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

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दुनिया से जुदा प्यार का क़िस्सा है हमारा 
आख़िर है कोई और न पहला है हमारा 
 
अहवाल भला कौन समझता है किसी के 
तुम पर तो अभी पूरा भरोसा है हमारा
 
आती है कई बार तेरी याद पलट के
आसान बहुत दिल का ये रस्ता है हमारा
 
ए शौक़ तुझे छोड़ के जाएँ तो कहाँ हम
इक तेरे सिवा और भला क्या है हमारा
 
महबूब किसी के न नुमूदार किसी के
जागीर है कोई न ख़ज़ाना है हमारा

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