दीनबंधु सर छोटू राम-रहबर-ए-आज़म
कु. सुरेश सांगवान 'सरू’ए मेरे भारत की मिट्टी,
तू फिर अपनी पहचान पैदा कर,
सर छोटू-सी जिब्राल्टर चट्टान पैदा कर।
हिंदू के दीनबंधु,
मुस्लिम के रहबर-ए-आज़म,
किसान जिसे मसीहा माने,
जिन्हें अँग्रेज़ उपाधि दें 'सर' की।
फिर ऐसा नेक इंसान पैदा कर,
सर छोटू-सी जिब्राल्टर चट्टान पैदा कर,
ए मेरे भारत की मिट्टी,
तू फिर अपनी पहचान पैदा कर।
थे पथप्रदर्शक जिनके लेख,
कर्मठता उनके करमों में देख,
गोरों को था ख़तरे का भान,
किया देश निकाले का फ़रमान!
पंजाब सरकार ने किया आह्वान,
होगा बहुत भयंकर उनके
देश निकाले का तावान।
वो अपने आप में एक क्रांति है,
इसमें नहीं शेष कोई भ्रांति है!
ख़ून की नदियाँ बह जाएँगी,
हर किसान का इक-इक बच्चा
होगा छोटू राम यहाँ,
आज़ादी पाने से पहले,
अब रुकने का क्या काम यहाँ?
भारत के बच्चे-बच्चे में वो आन पैदा कर,
सर छोटू सी जिब्राल्टर चट्टान पैदा कर,
ए मेरे भारत की मिट्टी,
तू फिर अपनी पहचान पैदा कर।
अँग्रेज़ों की साँस रोकते,
उनके बढ़ते ताल क़दम,
साहूकार पंजीकरण, करज़ा माफ़ी,
व्यवसाय श्रमिक, कृषि उत्पाद मंडी
ढेर बनाये अधिनियम।
ओजस्वी वक्ता, समाज सुधारक, शिक्षाविद्,
कर्मठ, कुशल पत्रकार और राजनेता,
मज़दूरों का मजबूरों को इससे ज़्यादा
भगवान भी आकर क्या देता?
भांखड़ा-नांगल डैम उनके ख़्वाबों की ताबीर है,
आज भी सतलुज के पानी पर उनकी ही तहरीर है।
नेकी और बदी का वो इंसान पैदा कर,
सर छोटू सी जिब्राल्टर चट्टान पैदा कर
ए मेरे भारत की मिट्टी,
तू फिर अपनी पहचान पैदा कर।
की अँग्रेज़़ों से मुखालफ़त,
'जाट गज़ट' अख़बार में,
कांग्रेस कमेटी के बने प्रधान,
वो ऊँचे थे किरदार में।
देश के बँटवारे की बात पर,
और गरजे जिन्ना की जात पर!
अगर ए जिन्ना तुझमें है दम,
कर पाया अगर तू एक भी,
मुस्लिम एम.एल.ए. मेरा कम,
तो मैं ख़ुशी-ख़ुशी फाँसी खालूँगा,
अगर नहीं तो सुन ले जिन्ना,
तुझको जेल में डालूँगा।
टू नेशन थ्योरी जिन्ना की,
कभी सफल न हो पाती,
उमर अगर सर छोटू को
दो साल मेरी ही लग जाती।
किसी नफ़स में फिर वही इरफ़ान पैदा कर
सर छोटू सी जिब्राल्टर चट्टान पैदा कर
ए मेरे भारत की मिट्टी,
तू फिर अपनी पहचान पैदा कर।
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