तेरे जन्म के साथ मेरा भी नया जन्म हुआ

01-06-2022

तेरे जन्म के साथ मेरा भी नया जन्म हुआ

कु. सुरेश सांगवान 'सरू’ (अंक: 206, जून प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

तेरे जन्म के साथ मेरा भी नया जन्म हुआ
एक नन्ही परी मेरे आँचल में आई
जिसके चेहरे में कहकशाँ की झलक पाई
वो लम्हा लम्हा पल पल मेरा जहान होती चली गई
पापा की परी भैया की भावना 
मम्मी की मुस्कान होती चली गई
और इस दौरान
तुम्हें मैंने हर इक तासीर में बहना सिखाया है
बदलते वक़्त की रफ़्तार से चलना सिखाया है
तहज़ीब वफ़ा और प्यार के
साँचे में ढलना सिखाया है
इल्म-ओ-हुनर से रोशनी करना सिखाया है
तू है मेरे चमन की फिज़ाओं में 
शामिल बहार बन कर
तू है घर की रौनक़ 
सावन का झूला, राखी का धागा
ख़ुशियों का त्यौहार बन कर
अब लाड़ली मेरी 
नए रिश्तों की वीणा के 
तारों की मधुर झंकार होगी
तेरी सिफ़त से तेरी शफ़क से 
प्यार की दौलत बेशुमार होगी
इसी प्यार इसी तालीम इसी तरबियत के साथ
आज मेरी लाडो के
नया घर नई दुनियाँ नए सपने हैं आँखों में
मेरी नूर ए नज़र चली है ससुराल 
नम आँखें हैं मगर हो गए निहाल
मेरे आँगन में बचपन अपना छोड़कर
पिया से अब दिल का रिश्ता जोड़कर
दादा-नाना चाचा चाची मामा मामी भैया भाभी 
जीजी जीजा की लाख दुआएँ लेती जा 
जश्न-ए-शादी और विदाई का दस्तूर पुराना है 
मम्मी पापा और भैया को ये रस्म निभाना है
हम हमेशा रहेंगे तेरे और अब तुम्हें पिया का घर अपनाना है

3 टिप्पणियाँ

  • 14 Aug, 2022 02:13 AM

    bahut khoob ,dil se nikli hai daad ,kubool karein.

  • 31 May, 2022 03:14 PM

    Very touching and honest words. Nicely written

  • 31 May, 2022 11:51 AM

    Bahaut hi sundar lafz. Kamaal.

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