तेरे जन्म के साथ मेरा भी नया जन्म हुआ
कु. सुरेश सांगवान 'सरू’तेरे जन्म के साथ मेरा भी नया जन्म हुआ
एक नन्ही परी मेरे आँचल में आई
जिसके चेहरे में कहकशाँ की झलक पाई
वो लम्हा लम्हा पल पल मेरा जहान होती चली गई
पापा की परी भैया की भावना
मम्मी की मुस्कान होती चली गई
और इस दौरान
तुम्हें मैंने हर इक तासीर में बहना सिखाया है
बदलते वक़्त की रफ़्तार से चलना सिखाया है
तहज़ीब वफ़ा और प्यार के
साँचे में ढलना सिखाया है
इल्म-ओ-हुनर से रोशनी करना सिखाया है
तू है मेरे चमन की फिज़ाओं में
शामिल बहार बन कर
तू है घर की रौनक़
सावन का झूला, राखी का धागा
ख़ुशियों का त्यौहार बन कर
अब लाड़ली मेरी
नए रिश्तों की वीणा के
तारों की मधुर झंकार होगी
तेरी सिफ़त से तेरी शफ़क से
प्यार की दौलत बेशुमार होगी
इसी प्यार इसी तालीम इसी तरबियत के साथ
आज मेरी लाडो के
नया घर नई दुनियाँ नए सपने हैं आँखों में
मेरी नूर ए नज़र चली है ससुराल
नम आँखें हैं मगर हो गए निहाल
मेरे आँगन में बचपन अपना छोड़कर
पिया से अब दिल का रिश्ता जोड़कर
दादा-नाना चाचा चाची मामा मामी भैया भाभी
जीजी जीजा की लाख दुआएँ लेती जा
जश्न-ए-शादी और विदाई का दस्तूर पुराना है
मम्मी पापा और भैया को ये रस्म निभाना है
हम हमेशा रहेंगे तेरे और अब तुम्हें पिया का घर अपनाना है
3 टिप्पणियाँ
-
bahut khoob ,dil se nikli hai daad ,kubool karein.
-
Very touching and honest words. Nicely written
-
Bahaut hi sundar lafz. Kamaal.
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
- ग़ज़ल
-
- अगर सारा ज़माना चाहिए था
- अपनी ख़बर मिली न पता आपका मुझे
- अब तो आ बाद-ए- सबा इन बस्तियों के वास्ते
- अश्क जब नैनों में आने लगते हैं
- आँखों में तेरे ही जलवे रहते हैं
- आओ इक तस्वीर ले लें यार की हंसते हुए
- आदमी प्यार में सोचता कुछ नहीं
- आप आये तो बहारों के ज़माने आए
- आपको आज इक नज़र देखा
- आम कीजिए मुझे ख़ास कौन कर गया
- इक बेटी की भाव भीनी श्रद्धांजलि
- इस गली में न उस डगर जाएँ
- इस दुनियाँ-ए-फ़ानी में क्यूँ रोता है
- उसके जाने से है ख़ला कोई
- ए दिल मिरे तू बोल मैं कविता पे कविता क्या लिखूँ
- कहो इश्क़ का आस्ताना कहाँ है
- काम कैसा अजब कर गई ख़्वाहिशें
- कोई अच्छी लगी है सूरत क्या
- कौन समझा है कौन जाना है
- क्या करूँ कोई मुझे जमता नहीं
- क्या पढूँ ग़ज़लें लिखूँ अशआर मैं
- ख़ुदा की मेहरबानी या कोई इकराम समझेंगे
- गीत ग़ज़लों की ज़ुबाँ थे पहले
- गो कहीं से भी ख़ुशी ले आओ मेरे वास्ते
- चमकते चाँद सी मुस्कान फूलों सी हँसी उसकी
- चरागाँ ये सूरज सितारे न होंगे
- चले आना तेरे रस्ते में मैं पलकें बिछाऊँगी
- चले हैं लोग मैं रस्ता हुआ हूँ
- जवां हो प्यार तो किसको अदाकारी नहीं आती
- जो मिरे सामने नज़ारा है
- तू नज़र आई न
- तेरी संगत से ही राहत होती है
- दिल अगर बीमार सा है सोचिए
- दिल कहाँ मुब्तिला है उसे क्या पता
- दिल का राज़ छुपाना था
- दिलबर की सूरत आँखों में तारी रख
- दिलबर तेरे ख़्याल का पैकर नहीं हूँ मैं
- दुनिया से जुदा प्यार का क़िस्सा है हमारा
- दो दिलों में आशिक़ी का रंग वो पैदा हुआ
- दौर कोई इम्तिहानी चाहिए
- निभाने को रिश्ता झुका तो बहुत हूँ
- नूर चेहरे पे निगाहों में यक़ीं पाते हैं
- परवाने को उधर ही गुज़ारा दिखाई दे
- पेश आते हैं वो प्यार से आजकल
- प्यार के ख़ुशनुमा ज़माने थे
- बच तो नहीं सकेंगे कॅरोना के जाल से
- बे-सबब मुस्कुराना नहीं चाहिए
- भटकते रास्ते हैं और दिल में ग़म-ऐ-जानां है
- मज़े में सुहाना सफ़र कीजिए
- मिरी लाडली है मेरी जान है तू
- मिले हैं सिलसिले ग़म के मुहब्बत के समंदर में
- मुहब्बत इनायत दुबारा न कर दे
- मुहब्बत और अखुव्वत के गुलो गुलशन खिलाने हैं
- मुक़द्दर में सभी के बेटियाँ
- मैं तिरे नज़दीक़ आना चाहती हूँ
- यूँ तेरी याद से राब्ता रह गया
- रंग बदलूं कि रोशनी बदलूं
- रहती है मंज़िल मेरी मुझसे आगे
- राह में हम अपनी ही दीवार बन कर रह गये
- रुक गया है कारवाँ इतवार कैसे हो गया
- रुत बहारों की सुहानी चाहिए
- वफ़ा में चूर गर ये आपकी फ़ितरत नहीं होती
- वस्ल में उनकी तबीयत फ़ाम कर लें
- वही ग़लती दुबारा क्यूँ करे कोई
- वो लम्हा जो तुमको छूकर जाता है
- सहरा कहीं हयात कहीं दाम आ पड़ा
- साँसों में जब तक रफ़्तारी रहती है
- साथ गर आपका नहीं होता
- हम पुकारा किए ज़िंदगी ज़िंदगी
- हर किसी से न वास्ता रखना
- हर जगह हर पल तुझे ही ढूँढती रह जाएगी
- है इश्क़ अब ताजिराना कैसा
- है ख़ाली अभी सर में सौदा नहीं है
- ख़ुद को ऊँचा जो नाप जाता है
- ख़ुदनुमाई के कभी आलम नहीं थे
- ख़ूबसूरत याद जब तन्हाई को महका गयी
- ख़्वाबों की फ़हरिस्त लगा दी
- नज़्म
- कविता
- विडियो
-
- ऑडियो
-