तेरे दिल को अपना आशियाना बनाना है

15-04-2022

तेरे दिल को अपना आशियाना बनाना है

प्रवीण कुमार शर्मा  (अंक: 203, अप्रैल द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

तेरे दिल को अपना आशियाना बनाना है
प्रेम को ही अब जीवन राग बनाना है। 
माना कि आज नफ़रत है तेरे दिल में मेरे लिए
कल इस नफ़रत को ही तेरे दिल से मिटाना है। 
उम्र भर का ठिकाना तुझ में ढूँढ़ना है
तेरे दिल को एक दिन तुझसे ही लूटना है
अपने उजड़े रेगिस्तान के लिए
मरूद्यान तुझे बनाना है॥

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