जीवन एक प्रकाश पुंज है

01-07-2022

जीवन एक प्रकाश पुंज है

प्रवीण कुमार शर्मा  (अंक: 208, जुलाई प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

जीवन एक प्रकाश पुंज है
जिसकी चमक कभी फीकी नहीं होती। 
ये प्रकाश पुंज सदियों से चमक बिखेरता आया है
और सदियों तक अपनी चमक बिखेरेगा। 
मृत्यु सिर्फ़ बादलों की तरह इसकी चमक
को कुछ समय के लिए ही छुपा सकती है
जैसे सूरज की रोशनी बादलों के छा जाने
पर छुप जाती है। 
मृत्यु जीवन की यात्रा में
एक पड़ाव है। 
जैसे थका हारा यात्री किसी
पेड़ की छाँव में आराम करने ठहरता है। 
जीवन अविराम कल कल बहती नदी की तरह है। 
मृत्यु उस नित्य वाहनी नदी के जीवन रूपी मार्ग में
एक बाँध की तरह है। 
ताकि वह बाँध कल कल बहती हुई नदी के
बहाव को कुछ कम कर सके
वह भी कुछ समय के लिए। 

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