तेरे बिना मेरी ज़िन्दगी

01-04-2022

तेरे बिना मेरी ज़िन्दगी

प्रवीण कुमार शर्मा  (अंक: 202, अप्रैल प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

तेरे बिना मेरी ज़िन्दगी
एक उजड़ा चमन लगे। 
 
तेरे बिना मेरी ज़िन्दगी
पत्तियों रहित एक दरख़्त लगे। 
 
तेरे बिना मेरी ज़िन्दगी
लगे जैसे मुरझाया हुआ गुलाब। 
 
तेरे बिना मेरी ज़िन्दगी
लगे एक अधूरा सा ख़्वाब। 
 
तेरे बिना मेरी ज़िन्दगी
लगे जैसे बेरंगी होली। 
 
ज़िन्दगी में आकर तू भर दे 
ख़ुशियों से मुझ दीन की झोली॥

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