स्वप्न में रोटी

15-05-2024

स्वप्न में रोटी

कपिल कुमार (अंक: 253, मई द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

पहले एक रोटी ज़रूरी है। 
 
एक रोटी सियासत के हाथों में
एक सड़क पार दुकान में
रोटी दोनों है
फ़र्क वोट और नोट का है। 
 
रोटी और नींद में गहरा सम्बन्ध है
नींद भी रोटी चाहती है
रात में भूखे-पेट लेटे हुए
स्वप्न में दिख सकता है चाँद
अगर भूख हो 
भूख हो और रोटी न हो तो? 
 
स्वप्न एक भी हो सकता है और अनंत भी
पर भूखी दुनिया के देश में
पहले एक रोटी ज़रूरी है
तभी उतरेगी कोई राजकुमारी
या कोई चाँद
या समुद्र के तटों पर नंगे पैर दौड़ते
स्वप्नों के सागर में। 
 
भूखे देश में एक रोटी ज़रूरी है
स्वप्न में चाँद लाने के लिए। 
 
फुटपाथों पर पैदल चले या जिनके घर नहीं
वो फुटपाथों पर पैदल चले या घर बनाएँ
एक ऐसा घर 
जिसमें रोटियाँ पकती हो
भूख नहीं। 
 
जिन घरों में रोटियाँ नहीं पकती
उन घरों के लोगों के पेटों में
भूख पकती है; 
यह भूख बहुत अच्छे से पकती है
रोटियों के किनारे कच्चे रह सकते हैं
पर भूख दसों दिशाओं से पकती है। 
 
रोटियाँ, 
पकने के बाद फूलती है; 
भूख 
पकने के बाद सूखती है 
आदमी की देह। 
 
आदमी को 
नींद के सागर में उतरना हो, तो
उसे किसी 
सेफ़्टी जैकेट की ज़रूरत नहीं
पहले एक रोटी ज़रूरी है। 

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