प्रेम– कविताएँ: 04-05

01-05-2023

प्रेम– कविताएँ: 04-05

कपिल कुमार (अंक: 228, मई प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

प्रेम-04
 
उसके बाद
उसकी गली का 
सूनापन
कचोटता रहा मुझे। 
 
प्रेम-05
 
बताओ अगर हो
इस शहर में कोई
अच्छा-सा चारासाज़, 
मुझे अपनी आँखों से
किसी के ख़्वाब 
निकलवाने है। 

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