कपिल कुमार - हाइकु - 003

01-04-2023

कपिल कुमार - हाइकु - 003

कपिल कुमार (अंक: 226, अप्रैल प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

1. 
दीपक की लौ
कीट पतंगों संग
खेलती खो-खो। 
 
2. 
तितली खेले
छुआ-छुई का खेल
फूलों की गैल। 
  
3. 
मेंढक करे
रात में लम्बी कूद
ज्यों एथलीट। 
 
4.
चींटी करती
गेहूँ की जमाख़ोरी
चढ़ा के त्योरी। 
  
5
टिड्डी का पेट
करे मलियामेट
हाली के स्वप्न। 
 
6.
खेत तंग, ज्यों
मेघों ने ओलेरूपी
गुलेल मारी। 
 
7.
गेहूँ ज्यों पके
मेघों ने किसानों के
पाँव उखाड़े। 
 
8.
लू ने निकाले
तरकश से तीर
हाल-गंभीर। 
 
9.
पकी फ़सलें
किसानों की परीक्षा
मेह से रक्षा। 
 
10.
किसान सन्न
मेघ करते ‘फ़न’
ज्यों खेत पके। 
 
11.
गाँव ज्यों बाँधें
आधुनिकता तोड़े
प्रेम के धागे। 

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