वन लीटर ही ले लो
डॉ. आर.बी. भण्डारकरमडी-पडल हाउस (ओम भैया जी के शब्दों में—बिटिया जी का घर) से नाना हाउस (बिटिया जी के मम्मी-पापा का घर) तक की कार-यात्रा में लगभग हर बार ओम भैया जी अपनी ममा के साथ होते ही हैं। बिटिया जी को जब आवश्यकता पड़ती है तब रास्ते में पड़ने वाले पेट्रोल पंप से गाड़ी में डीज़ल डलवा लेती है।
एक बार इसी रास्ते पर भैया जी को दूर से ही पेट्रोल पंप दिख गया। कुछ पास आने पर भैया जी बोले, “ममा पेट्रोल पम्प आ गया, गाड़ी में पेट्रोल डलवा लो।”
बिटिया ने कहा, “भैया जी अपनी गाड़ी डीज़ल वाली है।”
“तो डीज़ल डलवा लो।”
बिटिया जी बोलीं, “भैया जी कल ही डलवाया था, अभी गाड़ी में पर्याप्त डीज़ल है।”
पेट्रोल पम्प के सामने आने पर ओम भैया जी बड़ी बेचेनी से बोले, “ममा, ममा पेट्रोल पंप निकला जा रहा है, हंड्रेड लीटर नहीं तो वन लीटर डीज़ल ही ले लो।”
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