धराड़ी धरती की रक्षा करती है

15-06-2025

धराड़ी धरती की रक्षा करती है

पवन कुमार ‘मारुत’ (अंक: 279, जून द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

(मनहरण कवित्त छन्द) 
 
पहचानो पूर्व परम्परा प्राकृतिक प्रथा, 
प्रकृति प्रेमी पाक पेड़-पौधों को कहते। 
पुरानी प्रथा धराड़ी धरती की करे रक्षा, 
प्रकृति पृथ्वी के ख़ातिर सन्ताप सहते। 
प्रत्येक परिवार प्रेम करे कुलवृक्ष को, 
फेरे वर-वधू विवाह वृक्ष के गहते। 
वृक्ष प्रतीक प्रकृति “मारुत” मातृशक्ति का, 
जल-जंगल-ज़मीन रक्षा करो कहते॥

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