दौर कोई इम्तिहानी चाहिए

01-09-2020

दौर कोई इम्तिहानी चाहिए

कु. सुरेश सांगवान 'सरू’ (अंक: 163, सितम्बर प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

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दौर कोई इम्तिहानी चाहिए
और इक टक्कर का सानी चाहिए
 
रास्ते चिकने हैं मंज़िल दूर है
हर क़दम पे सावधानी चाहिए
 
है ज़मीं का हर परिंदा क़ैद में
और मंज़र आसमानी चाहिए
 
कुछ नहीं है ज़िंदगी इंसान की
बस किसी के काम आनी चाहिए
 
ठीक है सब कुछ कहा है इसलिए
अब नहीं कुछ सरगिरानी चाहिए
 
क्या बिगाड़ेगी ज़माने की हवा
बस ख़ुदा की पासबानी चाहिए
 
चल सकोगे दूर तक संसार में
इक मुनासिब ख़ुशगुमानी चाहिए

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