अब तो आ बाद-ए- सबा इन बस्तियों के वास्ते

15-12-2019

अब तो आ बाद-ए- सबा इन बस्तियों के वास्ते

कु. सुरेश सांगवान 'सरू’ (अंक: 146, दिसंबर द्वितीय, 2019 में प्रकाशित)

अब तो आ बाद-ए- सबा इन बस्तियों के वास्ते
कोई तो अच्छी ख़बर ला बेटियों के वास्ते 

 

घूरते रहते हैं हरदम आते जाते लोग सब
क्यूँ न कुछ परदे मँगा लें खिड़कियों के वास्ते

 

नन्हे बच्चों की ज़ुबाँ पर है यही बस इक दुआ
काश थम जाये ये बारिश कश्तियों के वास्ते

 

कोई आकर खोल जाए कर रहे हैं ये गुहार
जंग खाये चंद ताले चाबियों के वास्ते

 

हाल अपना लिख सकूँ रूठे हुए उस यार को
कोई तो उसका पता दे चिट्ठियों के वास्ते

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