गीत बहुत बन जाएँगे

21-02-2019

गीत बहुत बन जाएँगे

शैलेन्द्र चौहान

यूँ गीत बहुत 
बन जाएँगे
लेकिन कुछ ही
गाए जाएँगे
 
कहीं सुगंध
और सुमन होंगे
कहीं भक्त
और भजन होंगे
 
रीती आँखों में
टूटे हुए सपन होंगे
बिगड़ेगी बात कभी तो
उसे बनाने के 
लाख जतन होंगे
 
न जाने इस जीवन में
क्या कुछ देखेंगे
कितना कुछ पाएँगे
सपना बन 
अपने ही छल जाएँगे
 
यूँ गीत बहुत
बन जाएँगे
लेकिन कुछ ही
गाए जाएँगे
 

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