वो नर्म नाज़ुको बिस्तर उठाने वाला है

01-01-2023

वो नर्म नाज़ुको बिस्तर उठाने वाला है

डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरी (अंक: 220, जनवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

वो नर्म नाज़ुको बिस्तर उठाने वाला है
वो अबके हाथ में पत्थर उठाने वाला है
 
जो बावफ़ा है उसी पर जफ़ाओं की साज़िश
ये कब चलन भी सितमगर उठाने वाला है
 
ज़रा ये सोचो कि मजबूर वो हुआ कैसे
जो फूल वाला था पत्थर उठाने वाला है
 
बहुत दिनों से उसे हाशिये में रखते रहे
अब बूँद-बूँद भी सागर उठाने वाला है
 
तुम्हें जो करना है ख़ुद ही में हौसला रक्खो
न सोचो भार ये रहबर उठाने वाला है
 
बस इतनी बात पे सारे अमीर एक हुए
वो एक ग़रीब है छप्पर उठाने वाला है
 
वो चाह ले भी तो मुझको डुबो नहीं सकता
मुझे बचाने को गिरधर उठाने वाला है

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