नदी में हैं 

15-08-2024

नदी में हैं 

डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरी (अंक: 259, अगस्त द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

 हम घर में हैं 
 जैसे मछलियाँ नदी में हैं 
 जैसे ख़ुश्बू फूल में है 
 जैसे रक्त देह में है 
 जैसे विश्वास 
 हमारे-तुम्हारे प्यार में है 
 एक नदी के होने से
 मछली ख़ुश्बू प्यार और विश्वास है . . .
 और एक आस है . . .

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