प्यार हुआ है
नरेंद्र श्रीवास्तव
सपनों में आते हो जैसे, सच में भी आ जाओ न।
करते प्यार तुम्हें हम कितना, हमसे प्यार निभाओ न॥
वायदा भले किया न कोई,
फिर भी बाट निहारें हम।
गुमसुम से बैठे रहते हैं,
लम्हा-लम्हा हारें हम॥
जीवन-बगिया उजड़ रही है, बन बसंत महकाओ न।
अँधियारे से घिरे हुए हैं,
सूरज, चँदा पता नहीं।
तुमसे प्यार हुआ है मुझको,
इसमें मेरी ख़ता नहीं॥
प्यार हमारा पावन, निश्चल, अपना मुझे बनाओ न।
तेरे बिन सब सूना लगता,
रहती बहुत उदासी है।
आँखों मैं है अश्क-समंदर,
चाहत प्यासी-प्यासी है॥
तड़प प्यार की, चुभे शूल सी, इतना भी तड़पाओ न।
करते प्यार तुम्हें हम कितना, हमसे प्यार निभाओ न॥
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