चिड़िया और गिलहरी

01-10-2019

चिड़िया और गिलहरी

नरेंद्र श्रीवास्तव

क्यों आयी हो चिड़िया रानी।
भूख लगी या पीना पानी॥

 

बोली चिड़िया-हार गई मैं।
दुनिया अब ये, लगे वीरानी॥

 

जब से सूखे ताल-तलैया।
दूर-दूर तक मिले न पानी॥

 

गायब जंगल, ठूँठ बचे हैं।
दुःख भरी अब रही कहानी॥

 

तुम अपने, लगते हो सच्चे।
हूक उठी तो बात बखानी॥

 

 कहा गिलहरी ने तब हँसकर
मेरी बहना! चिड़िया रानी॥

 

धैर्य रखो, उत्साह बढ़ाओ।
दुनिया लगे ख़ूब सुहानी॥

 

आओ हम कुछ कर दिखलाएँ।
शुरू करें  फिर नई कहानी॥

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