दोस्ती बने मिसाल
नरेंद्र श्रीवास्तवपिंकू से बोले दादाजी
एक सीख तुम्हें सिखलायें।
निभाते हैं कैसे दोस्ती
ये आज तुम्हें बतलायें॥
दोस्त बनाओ जिसे भी तुम
उसका सदा साथ निभाना।
कभी ना विश्वास तोड़ना
और दिल ना कभी दुखाना॥
छल, कपट भूले ना करना
उसे कभी ना देना धोका।
बनो सहारा संकट पल में
जब भी आये ऐसा मौक़ा॥
मन में बात न रखना कोई
जो भी कहना साफ़।
जिससे भी हो जाये ग़लती
उसको करना माफ़॥
चोरी, चुगली बुरी चीज़ है
कभी नहीं ये करना।
नशा, शर्त, ज़िद, झगड़ों से
बच के सदा रहना॥
दोस्त साथ में हो तो उससे
छुप के कभी न खाना।
संकट में जब दोस्त रहे तो
उसे छोड़ न जाना॥
बनकर अच्छे दोस्त जहाँ में
दोस्ती ऐसे निभाना।
सब देंगे मिसाल तुम्हारी
यूँ जग में नाम कमाना॥