नरेन्द्र श्रीवास्तव - 1
नरेंद्र श्रीवास्तवहाइकु - 1
बेसुध नदी
मछली-सी तड़पे
जल माँगती।
*
छाया ने लिखी
जल पर कविता
धूप पढ़ती।
*
कुआँ भूत-सा
नदी पगडंडी-सी
ये क्या हो गया?
*
क़लम लिखे
जल पर कविता
अक्षर रोये।
*
नयन नीर
सागर से जा मिले
तुम न मिले।
*
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